

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला का पहला मुकाबला ईडन गार्डन्स में खेला गया। यह मैच एक बहुत ही लो-स्कोरिंग मुकाबला था, जहाँ दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतते हुए बल्लेबाज़ी का फैसला किया। दोनों ही खेमों के बल्लेबाज़ों को ईडन की कठिन सतह पर दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चौथी पारी में 124 रनों का साधारण टोटल चेज़ करते हुए भारतीय टीम जीत से 30 रन पीछे रह गई और यह मुकाबला हार गई।
भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने पहले टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका से मिली हार के बाद भारतीय बल्लेबाज़ों की आलोचना की है। भारत ईडन गार्डन्स में 124 रन का लक्ष्य चेज़ नहीं कर पाया और तीसरे दिन सिर्फ 93 रन पर ऑल आउट हो गया। गंभीर ने प्रेस कांफ्रेंस में जोर देकर कहा कि 124 रनों का कम लक्ष्य “आसानी से हासिल करने योग्य” था। उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण सतहों पर सफलता के लिए सिर्फ कौशल नहीं, बल्कि “सही स्वभाव” की जरूरत होती है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हार का दोष पिच की स्थिति पर नहीं डाला जाना चाहिए। कोच के अनुसार, पिच में “कोई परेशानी नहीं थे” और यह निश्चित रूप से “खेले जाने लायक” थी। भारतीय टीम ने विशेष रूप से ऐसी चुनौतीपूर्ण विकेट की मांग की थी। गंभीर क्यूरेटर की तैयारी से संतुष्ट थे, उन्होंने कहा, “यही वह पिच थी जिसकी हमें तलाश थी।”
स्वभाव और तकनीक की विफलता
गंभीर ने टिप्पणी की कि विकेट बल्लेबाज़ों की तकनीक और स्वभाव की परीक्षा ले रही थी। उन्होंने तर्क दिया कि यदि किसी खिलाड़ी के पास मजबूत रक्षात्मक खेल है, तो वह ऐसी विकेटों पर भी रन बना सकता है। गिरने वाले अधिकांश विकेट तेज़ गेंदबाज़ों ने लिए, स्पिनरों ने नहीं। यह दर्शाता है कि यह विफलता टर्न के खिलाफ नहीं, बल्कि पेस और स्विंग के खिलाफ एक तकनीकी विफलता थी।
गंभीर ने जोर दिया कि वर्तमान टीम का विश्लेषण करते समय क्रिकेट के विभिन्न युगों की तुलना नहीं की जानी चाहिए। भारतीय कोच का मानना है कि ड्रेसिंग रूम में कई युवा खिलाड़ी हैं, जिन्हें मानसिक दृढ़ता को सुधारने की जरूरत है। उन्होंने ऋषभ पंत का बचाव करते हुए उन्हें विश्व स्तरीय बल्लेबाज़ बताया जो जल्द ही फॉर्म में लौटेंगे। भारत की सामरिक योजनाएँ अच्छी थीं, लेकिन वे जीत की दहलीज पार करने से चूक गए।
यह बात निश्चित है कि भारतीय टीम को गुवाहाटी में अगले टेस्ट से पहले बल्लेबाज़ी में सुधार करना होगा। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच आखिरी टेस्ट मुकाबला 22 नवंबर को खेला जाएगा। एक तरफ भारत श्रृंखला में बराबरी करना चाहेगा। तो वहीं, दक्षिण अफ्रीका के पास भारतीय सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला जीतने का बेहतरीन अवसर है, जिसके लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियंस अपनी एड़ी-चोटी का जोर अवश्य लगाएंगे।
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