
Usman Khawaja (Image Credit- Twitter X)
किसी भी टेस्ट मैच में सलामी बल्लेबाजों का योगदान टीम की नींव रखने में अहम होता है, लेकिन कभी-कभी बड़े नाम भी दबाव में शून्य पर आउट हो जाते हैं। कुछ सलामी बल्लेबाजों ने लंबे समय तक क्रीज पर टिकने के बावजूद रन नहीं बनाए, जो टेस्ट क्रिकेट के रोमांच और चुनौती को दर्शाता है। आइए, हम आपको WTC इतिहास में सलामी बल्लेबाजों उन लिस्ट के बारे में बताएंगे जहां बड़े बड़े खिलाड़ी काफी देर तक क्रीज पर टिकने के बाद भी अपन खाता नहीं खोल पाए।
शान मसूद: 0(25) vs न्यूजीलैंड, क्राइस्टचर्च, 2021
पाकिस्तान के शान मसूद ने WTC 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च टेस्ट में 25 गेंदों तक संघर्ष किया, लेकिन एक भी रन नहीं बना सके। टिम साउदी और काइल जैमीसन की सटीक गेंदबाजी ने उन्हें पूरी तरह बांधे रखा। मसूद की यह पारी WTC में किसी सलामी बल्लेबाज की सबसे लंबी शून्य रन की पारी है। उनकी रक्षात्मक कोशिशें नाकाम रहीं, और यह पारी उनकी तकनीकी कमियों को उजागर करती है।
जाकिर हसन: 0(24) vs भारत, कानपुर, 2024
बांग्लादेश के जाकिर हसन ने 2024 में भारत के खिलाफ कानपुर टेस्ट में 24 गेंदों का सामना किया, लेकिन स्कोरबोर्ड पर खाता नहीं खोल सके। जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन की जोड़ी ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया। जाकिर की यह पारी उनकी धैर्य की परीक्षा थी, लेकिन भारतीय गेंदबाजों की आक्रामकता के सामने वे ढेर हो गए।
डेविड वॉर्नर: 0(22) vs इंग्लैंड, होबार्ट, 2022
ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ होबार्ट टेस्ट में 22 गेंदों तक टिके, लेकिन शून्य पर आउट हुए। स्टुअर्ट ब्रॉड की स्विंग गेंदबाजी ने वॉर्नर को परेशान किया। यह पारी वॉर्नर के लिए निराशाजनक थी, क्योंकि वह आमतौर पर आक्रामक शुरुआत के लिए जाने जाते हैं।
उस्मान ख्वाजा: 0(20) vs दक्षिण अफ्रीका, लॉर्ड्स, 2025
ऑस्ट्रेलिया के उस्मान ख्वाजा ने WTC 2025 फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लॉर्ड्स में 20 गेंदों का सामना किया, लेकिन रन नहीं बना सके। कगिसो रबाडा की तेज गेंदों ने उन्हें बांधे रखा। ख्वाजा की यह पारी फाइनल के दबाव को दर्शाती है, जहां अनुभवी बल्लेबाज भी जूझते नजर आए।
जैक क्रॉली: 0(16) vs भारत, धर्मशाला, 2024
इंग्लैंड के जैक क्रॉली ने 2024 में भारत के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट में 16 गेंदों तक रन बनाने की कोशिश की, लेकिन शून्य पर पवेलियन लौटे। कुलदीप यादव की फिरकी ने उन्हें चकमा दिया। क्रॉली की यह पारी भारतीय स्पिनरों की काबिलियत को दर्शाती है।