

भारतीय टीम इस समय एशिया कप 2025 में शानदार लय में है। टीम ने अपने सारे छह मुकाबले जीतकर फाइनल में जगह पक्की कर ली है। लगातार जीतों के बावजूद टीम मैनेजमेंट की रोटेशन पॉलिसी को लेकर सोशल मीडिया और विशेषज्ञों में बहस जारी है।
रोटेशन पॉलिसी पर पार्थिव पटेल का करारा जवाब
इस विषय पर पूर्व भारतीय विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने अपनी राय रखते हुए आलोचकों को करारा जवाब दिया। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि उन्हें यह देखकर आश्चर्य होता है कि लोग अब भी इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं। जब टीम अपराजित रहते हुए फाइनल में पहुँच चुकी है, तो खिलाड़ियों को आराम देने या बॉलिंग संयोजन बदलने जैसे फैसलों को विवाद का रूप देना समझ से बाहर है।
दरअसल, पिछले कुछ मैचों में भारत ने जसप्रीत बुमराह को आराम दिया और हार्दिक पंड्या को केवल एक ओवर ही गेंदबाजी करने का मौका मिला। इन फैसलों पर सवाल उठाए गए कि आखिर क्यों प्रमुख खिलाड़ियों को पूरे मैच में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। कुछ पूर्व खिलाड़ी और फैन्स का मानना था कि इससे टीम की लय टूट सकती है।
लेकिन पार्थिव का कहना है कि आज के समय में क्रिकेट का शेड्यूल इतना व्यस्त हो चुका है कि खिलाड़ियों को हर मैच खिलाना संभव नहीं। लगातार क्रिकेट खेलने से चोट और थकान का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में रोटेशन पॉलिसी सिर्फ रणनीति नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की फिटनेस और लंबे समय तक उनके करियर को सुरक्षित रखने का तरीका है।
उन्होंने यह भी कहा कि टीम इंडिया के पास इस समय पर्याप्त बैकअप विकल्प मौजूद हैं। युवा खिलाड़ी भी मैदान पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें मौके देना भविष्य के लिए फायदेमंद है। पार्थिव के मुताबिक, यह सोच बदलने की ज़रूरत है कि हर मैच में वही 11 खिलाड़ी खेलें। असली मकसद यह होना चाहिए कि टीम महत्वपूर्ण मौकों पर अपने सर्वश्रेष्ठ संयोजन के साथ उतरे।
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