
Virat Kohli (Photo Source: Getty Images)
वेस्टइंडीज के दिग्गज ऑलराउंडर आंद्रे रसेल ने विराट कोहली के उस बयान पर अपनी राय दी है, जिसमें कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को लेकर अपने प्यार का इजहार किया था। IPL 2025 का खिताब जीतने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के इस स्टार बल्लेबाज ने कहा था कि टेस्ट क्रिकेट उनके लिए IPL से कहीं ऊपर है, भले ही वे टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हों।
हालांकि, रसेल इस बात से सहमत नहीं हैं और उन्होंने इसके पीछे अपनी वजह भी बताई। उनका मानना है कि टेस्ट क्रिकेट सिर्फ बड़े टेस्ट खेलने वाले देशों के लिए ही फायदेमंद है।
Virat Kohli के टेस्ट क्रिकेट वाले बयान पर आंद्रे रसेल दिया बड़ा बयान
विराट कोहली 2008 से RCB के साथ IPL में खेल रहे हैं और 2025 में आखिरकार उन्होंने अपनी टीम को पहली ट्रॉफी दिलाई। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद फाइनल जीतने के मौके पर कोहली ने कहा, “यह जीत मेरे करियर के सबसे खास लम्हों में से एक है, लेकिन फिर भी यह टेस्ट क्रिकेट से पांच कदम पीछे है। मैं टेस्ट क्रिकेट को बहुत अहमियत देता हूं और इसे बेहद प्यार करता हूं। मैं युवा खिलाड़ियों से कहना चाहूंगा कि वे इस फॉर्मेट का सम्मान करें।”
कोहली के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आंद्रे रसेल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट का आकर्षण बड़े क्रिकेट देशों के खिलाड़ियों के लिए ज्यादा है। 37 साल के इस ऑलराउंडर ने कई सालों से फ्रेंचाइजी क्रिकेट को प्राथमिकता दी है। हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के दौरान वे करीब छह महीने बाद वेस्टइंडीज की टीम में वापस लौटे।
द गार्डियन से बातचीत में रसेल ने कहा, “मुझे लगता है कि जब आप भारत, ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड जैसे देशों से होते हैं, जहां टेस्ट खिलाड़ियों की अच्छी देखभाल होती है, तो यह वेस्टइंडीज से बिल्कुल अलग है। वहां टेस्ट क्रिकेटरों को बड़े मंचों पर खेलने के लिए आकर्षक कॉन्ट्रैक्ट मिलते हैं, तो जाहिर है वे टेस्ट खेलना चाहते हैं। लेकिन वेस्टइंडीज में? आप 50 या 100 टेस्ट खेल लें, फिर भी रिटायर होने के बाद आपके पास दिखाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं होता।”
रसेल ने कहा, “मुझे मूल रूप से टेस्ट सेट-अप से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने मुझे एक सफेद गेंद वाले खिलाड़ी के रूप में देखा और बस यही हुआ। ईमानदारी से? इसका जवाब है- नहीं। मैं टेस्ट क्रिकेट में विश्वास करता हूं, लेकिन आखिरकार, मैं एक प्रोफेशनल हूं। यह मेरी यात्रा का हिस्सा नहीं था। मुझे कोई पछतावा नहीं है, क्योंकि यह मैं नहीं था जिसने अपनी पीठ मोड़ ली।”