
WELLINGTON, NEW ZEALAND – FEBRUARY 03: MS Dhoni of India celebrates after taking the wicket of Jimmy Neesham of New Zealand during game five in the One Day International series between New Zealand and India at Westpac Stadium on February 03, 2019 in Wellington, New Zealand. (Photo by Hagen Hopkins/Getty Images)
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में गिना जाता है। महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को कई महत्वपूर्ण मैच जिताने में अहम योगदान दिया है। बता दें कि, धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप 2007, वनडे वर्ल्ड कप 2011 और चैंपियंस ट्रॉफी 2013 को अपने नाम किया था।
इन सभी टूर्नामेंट में महेंद्र सिंह धोनी ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए थे जिसकी वजह से टीम इंडिया ने इसमें जीत दर्ज की थी। यही नहीं धोनी की कप्तानी में 2009 में टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 रैंकिंग हासिल की थी। धोनी ने टीम इंडिया की 200 वनडे मैच में कप्तानी की है जिसमें 110 में उन्होंने जीत दर्ज की है जबकि 74 में टीम को हार झेलनी पड़ी है। ऐसे कई महत्वपूर्ण फैसले हैं जो महेंद्र सिंह धोनी ने लिए हैं और इसका सकारात्मक रिजल्ट भी निकाला है।
इसी के साथ आज हम आपको बताते हैं पांच ऐसे फैसले जो महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तान के रूप में लिए और इससे इंडियन क्रिकेट पूरी तरह से बदल गया।
1- टी20 क्रिकेट की भारत में सोच पूरी तरह से बदल गई
India vs Pakistan 2007. (Photo Source: Getty Images)
महेंद्र सिंह धोनी को जब टी20 वर्ल्ड कप 2007 की टीम इंडिया की कप्तानी का जिम्मा सौंपा गया था तब वो भी काफी युवा थे और टीम में भी सभी यंग खिलाड़ी शामिल थे। उसे समय के की खिलाड़ी जैसे सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को स्क्वॉड में शामिल नहीं किया गया था।
हालांकि इसके बावजूद धोनी ने बेहतरीन कप्तानी करते हुए पाकिस्तान, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ जीत दर्ज की। इस शानदार टूर्नामेंट का फाइनल मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया था जिसको टीम इंडिया ने 5 रन से अपने नाम किया।
इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत 2008 में हुई और चेन्नई सुपर किंग्स ने महेंद्र सिंह धोनी को अपना कप्तान नियुक्त किया।
2- 2007-08 CB सीरीज से सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को ड्रॉप किया गया
Sourav Ganguly. (Photo by Clive Rose/Getty Images)
काफी लंबे समय तक राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली टीम इंडिया के वनडे टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। हालांकि वनडे वर्ल्ड कप 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टीम इंडिया ने निराशाजनक प्रदर्शन किया था जिसके बाद उन्होंने कप्तानी के पद से इस्तीफा दे दिया था।
जब धोनी को टीम का कप्तान नियुक्त किया गया तो उनकी निगाहें वनडे वर्ल्ड कप 2011 पर थी। धोनी ने बोर्ड से यही अपील की कि उन्हें युवा और फिट खिलाड़ी चाहिए। इसके बाद धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 2007-08 CB सीरीज की भारतीय टीम से सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को बाहर कर दिया था। युवा खिलाड़ी जैसे रोहित शर्मा को इस महत्वपूर्ण इवेंट में खेलने का मौका मिला और टीम इंडिया ने भी इस टूर्नामेंट को अपने नाम किया।
3- रोहित शर्मा को मिला प्रमोशन
(Photo Source : PTI)
भारतीय टीम के इस समय के कप्तान रोहित शर्मा ने अपना वनडे डेब्यू आयरलैंड के खिलाफ 2007 में किया था। रोहित शर्मा मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते थे और उनका फॉर्म भी इस बल्लेबाजी क्रम में काफी साधारण था। बता दें कि, रोहित शर्मा ने अपने पहले 85 मैच में 30.84 के औसत से 1974 रन बनाए थे।
हालांकि 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दौरान रोहित शर्मा को ओपनिंग की जिम्मेदारी दी गई और अपनी पहली पारी में उन्होंने 83 रन ठोके। इस साल 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान रोहित शर्मा और शिखर धवन ने टीम इंडिया की ओपनिंग की और इन दोनों का ही प्रदर्शन इस पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन रहा।
रोहित शर्मा ने ओपनर के रूप में 176 वनडे मैच में 55.57 के औसत से 8836 रन बनाए हैं जिसमें 44 अर्धशतक और 29 शतक है।
4- रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा को टेस्ट क्रिकेट में दी नई पहचान
Ravichandran Ashwin & Ravindra Jadeja. (Photo Source: Twitter)
रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा टीम इंडिया के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक है खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में। इन दोनों ने ही महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। जहां एक तरफ रविचंद्रन अश्विन ने अपना टेस्ट डेब्यू 2011 में किया था वहीं दूसरी ओर जडेजा ने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम मैच में अपना डेब्यू किया था।
इन दोनों खिलाड़ियों ने इसके बाद से टीम इंडिया की ओर से साथ में काफी मैच खेले और अपनी टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टेस्ट क्रिकेट में भी इन दोनों का प्रदर्शन जबरदस्त रहा है और सिर्फ गेंदबाजी से ही नहीं बल्कि दोनों खिलाड़ियों ने बल्लेबाजी से भी टीम इंडिया की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
5- विराट कोहली के शुरुआती दिनों में धोनी ने किया उनका जमकर सपोर्ट
Virat Kohli and MS Dhoni. (Photo by LAKRUWAN WANNIARACHCHI/AFP/Getty Images)
एक कप्तान और बल्लेबाज के रूप में विराट कोहली ने टीम इंडिया की ओर से हमेशा ही धुआंधार प्रदर्शन किया है। हालांकि अपने खेल के शुरुआती दिनों में उन्हें काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा है। 2011-12 ऑस्ट्रेलिया दौरे में विराट कोहली रन बनाने में नाकाम रहे थे।
पहले दो टेस्ट में उन्होंने सिर्फ 43 रन बनाए थे और ऐसी रिपोर्ट सामने आ रही थी कि कोहली को टीम से बाहर कर दिया जाएगा। हालांकि धोनी ने कोहली को जमकर सपोर्ट किया। कोहली ने इन दोनों टीमों के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट में अर्धशतक जड़ा और एडिलेड में खेले गए चौथे टेस्ट में उन्होंने 116 रन बनाए।
यही नहीं कप्तान के रूप में भी कोहली का प्रदर्शन बेहतरीन रहा और धोनी ने भी उनकी कप्तानी की जमकर प्रशंसा की।
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