
Indian Test Team (Image Credit- Twitter/X)
इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में पहले टेस्ट में 5 विकेट से मिली हार के बाद भारतीय गेंदबाजों को आलोचना का सामना करना पड़ा। पूर्व भारतीय क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने इन आलोचकों को करारा जवाब देते हुए गेंदबाजों का बचाव किया है। इस मैच में भारत के चार बल्लेबाजों ने पांच शतक जड़े, लेकिन निचले क्रम और जसप्रीत बुमराह को छोड़कर अन्य गेंदबाजों का योगदान बेहद कम रहा। अश्विन ने गेंदबाजों पर की गई टिप्पणियों को अपमानजनक बताया और बल्लेबाजों की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाए।
गेंदबाजों को लेकर आर अश्विन ने क्या कहा?
अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में अश्विन ने कहा कि लीड्स में हार के बाद गेंदबाजों को हार का ठीकरा फोड़ने की कोशिश की गई। उन्होंने बताया कि इंग्लैंड ने चौथी पारी में 370 से ज्यादा रनों का लक्ष्य हासिल किया, लेकिन इसमें केवल गेंदबाजों की गलती नहीं थी। अश्विन ने कहा, “370+ रनों का पीछा होने के बाद कमेंट्री में भारतीय गेंदबाजों को अपमानित किया गया। कहानी यह बनाई गई कि गेंदबाज मैच नहीं जिता सके। लेकिन बल्लेबाजों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
बल्लेबाजों की जिम्मेदारी और निचले क्रम की नाकामी
अश्विन ने बल्लेबाजों पर सवाल उठाते हुए कहा, “हमने पांच शतक बनाए, लेकिन ‘डैडी हंड्रेड’ (बड़ी शतकीय पारी) कहां थी? हमें यह स्वीकार करना होगा कि निचले क्रम से बल्लेबाजी में कोई योगदान नहीं मिला।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बल्लेबाजों को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए थी, खासकर निचले क्रम के, जिनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
गेंदबाजी रणनीति पर अश्विन की राय
गेंदबाजी पर अश्विन ने कहा, “टेस्ट में मेडन ओवर की अहमियत को कम आंका जाता है। मुझे बुमराह के हाई इकॉनमी रेट से कोई दिक्कत नहीं, लेकिन बाकी गेंदबाजों को रन गति पर नियंत्रण रखना चाहिए। टेस्ट में गेंदबाजी को पहले दिन से धीरे-धीरे विकसित करना होता है, जिसका फायदा आखिरी पारी में मिलता है।” हालांकि, उन्होंने माना कि इस मामले में भारतीय गेंदबाजी पीछे रह गई।