

आज ही के दिन 2024 को टीम इंडिया ने बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल में इतिहास रचा और ICC मेन्स T20 विश्व कप जीतकर अपने 11 साल के ICC ट्रॉफी के इंतजार को खत्म किया। मेन इन ब्लू ने रोमांचक फाइनल में आखिरी ओवर में दक्षिण अफ्रीका को सात रनों से हराकर अपना दूसरा T20 विश्व कप ट्रॉफी जीता। इससे पहले 2007 में एमएस धोनी की अगुआई वाली टीम ने यह खिताब जीता था।
भारतीय टीम 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से कई बार नॉकआउट में पहुंची थी, लेकिन फाइनल में उसे हार मिलती रही। हालांकि, इस बार रोहित शर्मा की कप्तानी में आखिरकार करोड़ों भारतीय फैन्स का सपना सच हो गया। चैंपियन बनने के बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा ने टी-20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले लिया। यह टी20I से उनकी एकदम सही विदाई का समय था। इसके साथ ही मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के दो साल के कार्यकाल भी समाप्त हो गया।
विराट कोहली ने खेली 76 रनों की पारी
पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और उसने पावरप्ले के अंदर ही रोहित, ऋषभ पंत और सूर्यकुमार यादव के विकेट गंवा दिए। पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए अक्षर पटेल ने विराट कोहली के साथ मिलकर 72 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की। कोहली ने फाइनल में 59 गेंदों पर 76 रनों की पारी खेलकर एंकर की भूमिका बखूबी निभाई। अक्षर ने 31 गेंदों पर 47 रन बनाए और अपनी पारी में एक चौका और चार छक्के लगाए।
शिवम दुबे ने 27 रनों का योगदान दिया। इस तरह भारत ने निर्धारित 20 ओवरों में 176/7 का स्कोर बनाया। दक्षिण अफ्रीका की ओर से केशव महाराज और एनरिक नॉर्खियां ने दो-दो विकेट चटकाए।
इसके जवाब में प्रोटियाज ने दूसरे ओवर में रीजा हेंड्रिक्स को खोने के बावजूद ट्रिस्टन स्टब्स और क्विंटन डी कॉक की पारी को स्थिर किया। उसके बाद हेनरिक क्लासेन ने विपक्षी स्पिनरों का सामना किया और दक्षिण अफ़्रीका को जीत के करीब ले गए।
30 गेंदों पर 30 रन की जरूरत थी और क्लासेन 23 गेंदों पर अर्धशतक बना चुके थे। ऐसे में भारत के विश्व कप में एक और हार की संभावना करीब थी। लेकिन तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह और हार्दिक पांड्या ने इस खेल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
सूर्यकुमार यादव ने पकड़ा शानदार कैच
बुमराह के 16वें ओवर में सिर्फ चार रन बने। हार्दिक ने 17वें ओवर में क्लासेन का विकेट लिया और बुमराह ने 18वें ओवर में मार्को जेनसन को आउट किया, जिसमें सिर्फ दो रन बने। अर्शदीप, जो टीम के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे, ने अपने 19वें ओवर में सिर्फ चार रन देकर प्रोटियाज पर दबाव बनाए रखा।
दक्षिण अफ्रीका को अंतिम ओवर में 16 रन चाहिए थे और पांड्या पर इसे रोकने की जिम्मेदारी थी। पहली ही गेंद पर डेविड मिलर ने बड़ा शॉट लगाने की कोशिश की, लेकिन बाउंड्री लाइन पर सूर्यकुमार यादव ने शानदार कैच लपक लिया। अपनी अगली पांच गेंदों पर उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम को जीत दिलाई।
चैंपियन बनने के बाद पांड्या जमीन पर बैठ गए। रोहित खुशी में घुटनों के बल गिर पड़े। विराट कोहली भी रो पड़े। ब्रिजटाउन से लेकर पूरी दुनिया में भारतीय फैन्स के बीच जश्न का माहौल था। भारतीय शहरों में फैन्स ने सड़कों पर डांस किया, आतिशबाजी की और गर्व के साथ तिरंगा लहराया। सोशल मीडिया पर जश्न मनाने वाले पोस्ट की बाढ़ आ गई। आखिरकार लंबा इंतजार खत्म हुआ और पूरे देश ने इसका जश्न मनाया।
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