

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रही पांच मैचों की टी-20आई श्रंखला का तीसरा मुकाबला आज धर्मशाला में खेला जायेगा। यह सीरीज फिलहाल एक-एक की बराबरी पर टिकी हुई है। परंतु भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज़ तथा कप्तान सूर्यकुमार यादव का बल्ला अब भी खामोश है। दो मैचों में ख़राब प्रदर्शन करने के उपरांत, सूर्य की फॉर्म पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
इसी बीच भारतीय क्रिकेट के पूर्व खिलाड़ी और विशेषज्ञ संजय बांगर ने सूर्यकुमार यादव के फॉर्म में आए भारी अंतर पर अपनी राय दी है। उनका मानना है कि इस स्टार बल्लेबाज़ का अंतर्राष्ट्रीय टी-20आई में संघर्ष का मुख्य कारण एक परिभाषित, स्थिर बल्लेबाज़ी क्रम की कमी है।
संजय बांगर का मानना है कि भारतीय टी-20आई टीम का नेतृत्व करने के बावजूद, सूर्य के हालिया अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन में गिरावट आई है। उनका आखिरी अर्धशतक 20 पारियों पहले आया था और नवंबर 2024 से उनका औसत गिरकर 13.35 हो गया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ चल रही टी-20आई श्रृंखला में भी यह ख़राब दौर जारी रहा, जहाँ उन्होंने 12 और 5 रन का स्कोर दर्ज किया।
बांगर ने राष्ट्रीय टीम के लिए सूर्यकुमार यादव के प्रदर्शन और आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए उनके दबदबे के बीच स्पष्ट अंतर पर प्रकाश डाला। पिछले आईपीएल सीज़न में, सूर्य ने 16 मैचों में 65.18 के शानदार औसत और 167.92 के स्ट्राइक रेट से 717 रन बनाए थे। बांगर ने समझाया कि आईपीएल में उनकी यह सफलता बड़े पैमाने पर फ्रेंचाइज़ी द्वारा उन्हें दी गई लगातार भूमिका के कारण है।
निश्चित नंबर तीन स्थान की वकालत
स्टार स्पोर्ट्स पर बोलते हुए, बांगर ने दोनों माहौल की तुलना की। उन्होंने बताया कि जहाँ अंतर्राष्ट्रीय टीमें अक्सर लचीलेपन को प्राथमिकता देती हैं, जिससे बल्लेबाज़ी क्रम 3 से 8 तक बदलता रहता है, वहीं मुंबई इंडियंस ने सूर्य को एक निश्चित स्थान, आमतौर पर नंबर तीन, पर दिया। बांगर ने टिप्पणी की, “अगर वह नंबर 3 पर आते थे, तो उन्हें नंबर 3 पर ही फिक्स किया जाता था, चाहे मैच या स्थिति कुछ भी हो।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सूर्य जैसे गुणवत्ता वाले खिलाड़ी जितनी अधिक गेंद खेलते हैं, वह उतना ही बेहतर तरीके से उन्हें बड़े स्कोर में बदल सकते हैं।
बांगर ने आगे तर्क दिया कि सूर्यकुमार पर लगातार विकेट गिरने का दबाव नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह उन्हें अलग तरह से बल्लेबाज़ी करने के लिए मजबूर करता है। उन्होंने जोर देकर कहा, “वह जितना जल्दी नंबर 3 पर आएंगे, उतना ही बेहतर होगा।” इतना ही नहीं बल्कि सभी स्टेटिस्टिक्स (आँकड़ों) ने उनके तर्क की पुष्टि की है।
आईपीएल में 65 का औसत और 168 का स्ट्राइक रेट, जबकि पिछले एक साल में उनकी अंतर्राष्ट्रीय पारियों में यह गिरकर 14 का औसत और 126 का स्ट्राइक रेट हो गया। जैसे-जैसे भारत टी-20 विश्व कप 2026 की ओर देख रहा है, बांगर का यह विश्लेषण टीम प्रबंधन के लिए एक स्पष्ट समाधान प्रस्तुत करता है। अपने कप्तान की मैच जिताने की क्षमता को एक बार फिर उजागर करने के लिए उन्हें बल्लेबाज़ी क्रम में एक सुसंगत और शुरुआती स्थान प्रदान करना महत्वपूर्ण है।
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