

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच ईडन गार्डन्स में पहला टेस्ट मैच केवल आठ सत्रों के भीतर ही समाप्त हो गया। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियंस, दक्षिण अफ्रीका 124 रन का सामान्य लक्ष्य बचाने में सफल रहे और टर्निंग पिच पर भारत को 93 रन पर ऑल आउट कर दिया। इस मैच के उपरांत दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय सरजमीं पर 15 सालों के लम्बे अंतराल के बाद अपना पहला टेस्ट जीता।
पूर्व भारतीय कप्तान और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बंगाल के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर को तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी को तुरंत टेस्ट स्क्वाड में वापस लाने की सलाह दी है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की ईडन गार्डन्स में चौंकाने वाली 30 रन की हार के बाद यह सुझाव आया।
स्पोर्ट्स तक से बात करते हुए, गांगुली ने गंभीर के लिए जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज की अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ी तिकड़ी पर भरोसा करने की आवश्यकता पर गौर फरमाया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “मेरा मानना है कि शमी इस टेस्ट टीम में जगह पाने के पूर्ण रूप से हकदार हैं।”
गांगुली ने दिया बड़ा बयान
35 वर्षीय शमी को रेड-बॉल फॉर्मेट में आखिरी बार 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में खेलते देखा गया था। हालाँकि उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में भारत के लिए व्हाइट-बॉल क्रिकेट अवश्य खेला, लेकिन रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए शानदार प्रदर्शन के बावजूद अब तक टेस्ट टीम में उनकी वापसी नहीं हो पाई है।
दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन तथा बेहतरीन नियंत्रण दिखाया है, उन्होंने अपनी राज्य टीम के लिए सिर्फ चार मैचों में 18 विकेट लेते हुए, टीम को कई मुकाबलों में वापसी करवाई है। गांगुली का मानना है कि स्पिनरों के समर्थन के साथ शमी की मौजूदगी भारत के लिए टेस्ट मैच जीतने की अहम कड़ी साबित हो सकती है।
गांगुली ने पिच तैयार करने के मुद्दे को भी संबोधित किया। उन्होंने टीम मैनेजमेंट से आग्रह किया कि वे क्यूरेटर को पूरे भारत में बेहतर, संतुलित विकेट तैयार करने का निर्देश दें। उन्होंने उम्मीद जताई कि शुभमन गिल की अगुवाई में भारतीय टीम ऐसी सतहों पर खेले जहाँ बल्लेबाज़ अच्छी क्रिकेट खेलते हुए रन बना सकें। उन्होंने हाल ही में खेली गई एंडर्सन-तेंदुलकर ट्रॉफी का उदाहरण देते हुए कहा।
गांगुली ने कोच गंभीर के संदर्भ में बयान दिया और कहा कि उन्हें “विकेट को खेल से बाहर करना” होगा। उन्होंने तर्क दिया कि अगर भारतीय बल्लेबाज़ प्रत्येक शृंखला में लगातार 350-400 रन बनाने में विफल रहते हैं, तो टीम टेस्ट मैच नहीं जीत सकती। पूर्व कप्तान ने बताया कि टीम ने इंग्लैंड में इसलिए जीत हासिल की क्योंकि उनके बल्लेबाज़ों ने सफलतापूर्वक बड़ा स्कोर बनाया था। गांगुली ने अंत में कहा कि भारत को चुनौतीपूर्ण सतहों पर तीन दिन में नहीं, बल्कि अच्छी पिचों पर पांच दिन में टेस्ट जीतने का लक्ष्य रखना चाहिए।
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