

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच ईडन गार्डन्स में खेले गए पहले टेस्ट में 124 रनों का सामान्य लक्ष्य चेज़ करते हुए मेजबान टीम सिर्फ 93 रनों पर ऑल आउट हो गई। यह उनके टेस्ट इतिहास के सबसे कम चौथी पारी के स्कोर में से एक है। जिसके चलते पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा ने कोलकाता में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में मिली 30 रन की हार पर अपनी राय रखी है। उन्होंने भारतीय बल्लेबाज़ों को चुनौतीपूर्ण घरेलू पिचों पर तेज़ी से ढलने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पुजारा ने जियोस्टार पर कहा- टीम का ध्यान पिच को दोष देने के बजाय, उस पर प्रदर्शन करने और तुरंत अनुकूलन करने पर होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, टीम को जो भी सतह मिली हो, उन्हें उसके लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए था। पुजारा के अनुसार, भारत मैच में रणनीति लागू करने और परिस्थितियों के अनुसार खेलने, दोनों में असफल रहा। असमान उछाल और तेज़ टर्न ने तकनीकी कमियों को उजागर किया, जिससे बल्लेबाज़ों की मानसिकता और तरीका बदलने की आवश्यकता सामने आई।
उन्होंने माना कि चोटिल बल्लेबाज़ शुभमन गिल की अनुपस्थिति एक बड़ा नुकसान था, लेकिन विफलता का मुख्य कारण बाकी बल्लेबाज़ी क्रम की तकनीकी कमज़ोरियाँ रहीं।
पुजारा का सुझाव, खिलाड़ी पैरों का करें इस्तेमाल
टीम की कमियों को उजागर करते हुए, पुजारा ने जोर दिया कि भारतीय बल्लेबाज़ों को चुनौतीपूर्ण स्पिन वाली सतहों पर रन बनाने के लिए बेहतर तरीके खोजने चाहिए। दबाव कम करने के लिए केवल रक्षात्मक खेलना काफी नहीं है, उन्हें सक्रिय रूप से रन बनाने के अवसर तलाशने होंगे।
पुजारा ने कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए बल्लेबाज़ों को विशिष्ट सलाह दी। उन्होंने बल्लेबाज़ों से अनुरोध किया कि वे तेज़ गेंदबाज़ी और स्पिन दोनों के खिलाफ अपने पैरों का उपयोग करें, ताकि गेंदबाज़ की लय टूट सके। इसके अलावा, उन्होंने स्वीप शॉट का लगातार उपयोग करने की वकालत की। उन्होंने सुझाव दिया कि गेंदबाज़ों को दबाव में डालने के लिए अधिक सकारात्मक शॉट्स का चयन आवश्यक है।
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