श्रीलंका ने 7 अगस्त को खेले गए तीसरे वनडे मुकाबले में भारत को 110 रनों से हराया और इस शानदार सीरीज को 2-0 से मात दी। इस पूरी सीरीज में श्रीलंका के खिलाड़ियों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। यही नहीं श्रीलंका ने 27 साल के बाद भारत के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज अपने नाम की।
इस वनडे सीरीज में श्रीलंका के लिए सबसे अच्छी बात यह रही कि उनके स्पिनर्स ने काफी अच्छी गेंदबाजी की और भारतीय टीम के बल्लेबाजों के ऊपर दबाव डाला। भारत के बल्लेबाज इस सीरीज में अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे। श्रीलंका टीम अपने प्रदर्शन से काफी खुश होगी। इसी के साथ आज हम आपको बताते हैं तीन सकारात्मक चीजों के बारे में जो श्रीलंका के लिए इस ऐतिहासिक वनडे सीरीज की जीत में देखने को मिली।
1- टॉप ऑर्डर में मजबूती

Avishka Fernando (Pic Source-X)
इस सीरीज में श्रीलंका के टॉप 3 बल्लेबाजों के ऊपर काफी ज्यादा दबाव था क्योंकि भारत के गेंदबाजों के खिलाफ पिछले कुछ समय में टीम का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। हालांकि इस वनडे सीरीज में अविष्का फर्नांडो, पथुम निस्संका और कुसल मेंडिस की तिकड़ी ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की और भारत के गेंदबाजों के खिलाफ अपना विकेट जल्दी नहीं खोया।
पहले दो वनडे में इन तीनों ही बल्लेबाजों में से कोई एक ने लगभग 20 से 25 ओवर बल्लेबाजी की और टीम के लिए लगातार रन बनाए। तीसरे और अंतिम वनडे मैच में इन तीनों ही बल्लेबाजों ने भारतीय टीम के तेज गेंदबाजों को काफी परेशान किया। तीसरे वनडे में अविष्का फर्नांडो ने 96 रनों की मैच विनिंग पारी खेली जबकि कुसल मेंडिस ने 59 रन बनाए। पथुम निस्संका ने 45 रनों की पारी खेली।
2- जिन भी खिलाड़ियों को मौका दिया गया उन सभी ने अपना काम बखूबी से निभाया

Srilanka Team (Pic Source-X)
वनडे सीरीज के दौरान श्रीलंका के ऐसे कई खिलाड़ी थे जो चोटिल हो गए थे। नुवान थुसारा, दिलशान मधुशंका और Matheesha Pathirana चोटिल होने की वजह से सीरीज से बाहर हो गए थे।
हालांकि इसके बावजूद श्रीलंका टीम के तेज गेंदबाजों ने इन खिलाड़ियों की कमी महसूस नहीं होने दी। पहले वनडे के बाद Wanindu Hasaranga भी चोटिल होने की वजह से इस सीरीज से बाहर हो गए थे। हालांकि उनकी जगह टीम में शामिल हुए जेफरी वेंडेरसे ने दूसरे मैच में बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट झटके और श्रीलंका की जीत में अहम भूमिका निभाई।
तीसरे मुकाबले में Dunith Wellalage ने अपना काम बखूबी से निभाया और 5 विकेट झटके। उनकी इसी गेंदबाजी की वजह से 249 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 138 रन पर ऑलआउट हो गई।
3- सभी खिलाड़ियों ने अलग-अलग डिपार्टमेंट में निभाई अहम भूमिका

Jeffrey Vandersay (Pic Source-X)
श्रीलंका टीम में ऐसे कई खिलाड़ी थे जिन्होंने सिर्फ एक ही डिपार्टमेंट में नहीं बल्कि अलग-अलग डिपार्टमेंट में अपनी छाप छोड़ी। Dunith Wellalage ने सिर्फ बल्लेबाजी से ही नहीं बल्कि गेंदबाजी से भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। पहले दो मैच में उन्होंने काफी अच्छी बल्लेबाजी की और तीसरे वनडे में उन्होंने गेंदबाजी से अपनी छाप छोड़ी। यही नहीं Dunith Wellalage ने प्लेयर ऑफ़ द सीरीज अवार्ड भी अपने नाम किया।
कप्तान चरिथ असलंका के लिए भी यह सीरीज जबरदस्त रही। उन्होंने बल्लेबाजी से तो वनडे सीरीज में इतना योगदान नहीं दिया लेकिन गेंदबाजी से उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। असलंका ने पहले वनडे में लगातार दो गेंदों पर दो विकेट झटके। बता दें, असलंका इस सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर रहे। उन्होंने तीन मैच में कुल 6 विकेट हासिल किए।
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