
Virat Kohli Test (Image Credit- Twitter)
भारतीय टीम के अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में गिना जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में विराट कोहली का प्रदर्शन हमेशा ही जबरदस्त रहा है। यही नहीं कप्तान के रूप में भी कोहली ने अपनी छाप छोड़ी है। विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में सीरीज अपने नाम की थी। यही नहीं 2021 में खेले गए लॉर्ड्स टेस्ट में भी भारत ने जीत दर्ज की थी।
हालांकि विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने एक भी आईसीसी ट्रॉफी को अपने नाम नहीं किया है। भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर के मुताबिक विराट कोहली को टेस्ट में थोड़े और समय के लिए कप्तान बने रहना चाहिए था। बता दें, सितंबर 2021 में विराट कोहली ने टी20 के कप्तानी पद से इस्तीफा दे दिया था। यही नहीं इसके कुछ ही समय बाद उन्होंने भारत के सभी प्रारूपों की कप्तानी के पद से अपना नाम वापस ले लिया था।
The Rao Podcast पर बात करते हुए संजय बांगर ने कहा कि, ‘मेरा व्यक्तिगत मानना है कि विराट कोहली को टेस्ट कप्तान के रूप में थोड़ा और समय बिताना चाहिए था। उन्हें भारत के लिए थोड़े और टेस्ट मुकाबलों में कप्तानी करनी चाहिए थी। यह मेरा मानना है बाकी उन्होंने इस चीज को लेकर काफी पहले ही फैसला ले लिया था।’
फैसले को लेकर बातचीत सही तरीके से नहीं हुई थी: विराट कोहली
विराट कोहली ने भारतीय टीम की कप्तानी 68 टेस्ट में की जिसमें से 40 में टीम ने जीत दर्ज की और उनका जीत का प्रतिशत 58.82 था। यही नहीं विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय तेज गेंदबाजों ने भी घातक गेंदबाजी करते हुए विरोधी टीम के बल्लेबाजों के ऊपर अपना दबाव बनाए रखा था। उनकी कप्तानी में टीम ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2021 के फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी।
2022 में सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष थे और उन्होंने यह कहा था कि बोर्ड ने कोहली से अपील की थी कि वो टी20 टीम की कप्तानी करें। उन्होंने यह भी कहा था कि कोहली ने इस अपील को खारिज कर दिया है और चयनकर्ता सफेद गेंद क्रिकेट के लिए दो अलग-अलग कप्तानों के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है। हालांकि बाद में विराट कोहली ने इसको लेकर बड़ा खुलासा किया।
विराट कोहली ने कहा था कि, ‘जो भी बताया गया कि हम लोगों ने मिलकर यह फैसला लिया था यह सही नहीं था। जब मैंने टी20 टीम की कप्तानी से हटने का फैसला लिया तब सबसे पहले मैं बीसीसीआई के पास गया। मैंने उन्हें इसके पीछे का कारण बताया। मुझे यह बिल्कुल भी नहीं बताया गया था कि टी20 कप्तानी के पद से मुझे हटना है। मैं इसको लेकर पूरी तरह से पक्का था। उस समय मैंने यह भी बोला था कि मैं वनडे और टेस्ट टीम की भी कप्तानी कर सकता हूं लेकिन अधिकारियों को लगा कि मैं यह जिम्मेदारी नहीं ले सकता। मैंने अपना पक्ष बता दिया था और उनके ऊपर फैसला छोड़ दिया था।’
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