
Sachin Tendulkar and Prithvi Shaw. (Photo Source: Getty Images)’wa
पृथ्वी शॉ के लिए मुश्किल वक्त में क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंडुलकर का साथ और भरोसा एक बड़ी प्रेरणा है। जब हर कोई आपसे मुंह मोड़ ले, तब दुनिया के महानतम बल्लेबाज का आपके लिए सलाह और हौसला देना कितना मायने रखता है, यह शॉ से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। शॉ ने न्यूज 24 को दिए इंटरव्यू में बताया कि कैसे सचिन ने उनके मुश्किल दिनों में उनका हौसला बढ़ाया और उनमें भरोसा जताया।
अर्श से फर्श तक का सफर
पृथ्वी शॉ ने क्रिकेट की दुनिया में तेजी से उभरकर सुर्खियां बटोरीं। हैरिस शील्ड में 546 रन, अंडर-19 वर्ल्ड कप में कप्तानी और टेस्ट डेब्यू में शतक जैसे कारनामों ने उन्हें भविष्य का सुपरस्टार बनाया। उनकी कप्तानी में शुभमन गिल और अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी खेले, लेकिन आज गिल टेस्ट कप्तान हैं, जबकि शॉ भारतीय टीम में वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शॉ ने स्वीकार किया कि गलत दोस्ती, खराब फैसले और अनुशासनहीनता के कारण वह ट्रैक से भटक गए।
सचिन तेंडुलकर की प्रेरणा
शॉ ने सचिन के साथ अपने रिश्ते को याद करते हुए कहा, “सचिन सर मेरी जर्नी को जानते हैं। मैं और अर्जुन 8-9 साल की उम्र से दोस्त हैं। हम साथ खेले, साथ बड़े हुए। सर भी कई बार हमारे साथ थे।” उन्होंने बताया कि दो महीने पहले एमआईजी में प्रैक्टिस के दौरान सचिन से उनकी मुलाकात हुई। “जब आप भटक जाएं, तब आपको एक मेंटॉर चाहिए जो चिंगारी जगा सके। सचिन सर ने कहा, ‘पृथ्वी, मुझे तुझ पर भरोसा है और हमेशा रहेगा। मैंने तुझे बड़ा होते देखा है।’”
वापसी का हौसला
सचिन की हौसलाअफजाई को याद करते हुए शॉ ने कहा, “वह आज भी मुझसे कहते हैं, ‘सही ट्रैक पर आ जा, जैसे पहले था। अगले 13-14 साल में सब कुछ संभव है।’ उनका मुझ पर भरोसा मेरे लिए बहुत मायने रखता है।” सिर्फ 25 साल की उम्र में शॉ अपने करियर को फिर से पटरी पर लाने के लिए मेहनत कर रहे हैं, और सचिन का भरोसा उनकी प्रेरणा बना हुआ है।