
Rohit Sharma (Image Credit- Instagram)
स्टार खिलाड़ियों से सजी मुंबई की टीम को हाल ही में संपन्न ग्रुप ए मुकाबले (रणजी ट्रॉफी) में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। यह मुकाबला मुंबई के शरद पवार क्रिकेट अकादमी मैदान पर खेला गया, जहां घरेलू टीम में रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर जैसे बड़े नामों के बावजूद मुंबई को हार झेलनी पड़ी। यह इस रणजी ट्रॉफी सीजन में मुंबई की पहली हार रही है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने मुंबई के बल्लेबाजों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने रन गति बनाए रखने के चक्कर में गेंदबाजों को पर्याप्त सम्मान नहीं दिया।
“आक्रमक बल्लेबाजी का खामियाजा भुगतना पड़ा”: सुनील गावस्कर
स्पोर्ट्सस्टार के लिए लिखे अपने कॉलम में गावस्कर ने कहा, “मुंबई के टेस्ट बल्लेबाजों का आउट होना यह दिखाता है कि पूरी तरह से आक्रामक बल्लेबाजी के तरीके के क्या नुकसान हो सकते हैं। यह रणनीति फ्लैट पिचों पर तो चल सकती है, लेकिन ऐसी पिचों पर जहां गेंदबाजों को मदद मिल रही हो, तकनीक का मजबूत होना जरूरी है ताकि अच्छी गेंदों को रोका जा सके।”
उन्होंने आगे कहा, “सबसे महत्वपूर्ण यह है कि बल्लेबाजों के पास इतना धैर्य होना चाहिए कि वे कुछ डॉट गेंदों और मेडन ओवरों को स्वीकार कर सकें। हर डॉट बॉल का जवाब बड़े जोखिम वाले शॉट से देना जरूरी नहीं है। आज का बल्लेबाज अपनी डिफेंसिव तकनीक पर भरोसा नहीं करता और छक्के मारने के रोमांच में खो जाता है।”
जल्दबाजी के कारण हुआ खराब प्रदर्शन
गावस्कर ने मुंबई की इस बल्लेबाजी शैली की तुलना बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के अंतिम टेस्ट में भारत के प्रदर्शन से की।
उन्होंने कहा, “हालिया सिडनी टेस्ट में भी ऐसा ही देखने को मिला, जहां जल्दबाजी के चलते कई खराब शॉट्स खेले गए। थोड़ी समझदारी और संयम दिखाते हुए 50 रन और बनाए जा सकते थे, जो मैच और सीरीज का नतीजा बदल सकते थे।”
नॉकआउट में पहुंचने के लिए अंतिम मैच में जीत जरूरी
रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन में मुंबई की टीम अब मेघालय के खिलाफ अपना अंतिम ग्रुप-स्टेज मुकाबला खेलेगी। वर्तमान में तीसरे स्थान पर काबिज मुंबई को नॉकआउट में पहुंचने के लिए इस मैच में एक बड़ी जीत दर्ज करनी होगी।