
Aakash Chopra and Ravichandran Ashwin (Image Credit- Twitter X)
भारत के पूर्व क्रिकेटर से कमेंटेटर बने आकाश चोपड़ा का मानना है कि, अनुभवी भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन विदेशी परिस्थितियों में लगातार नजरअंदाज किए जाने से निराश थे। बता दें कि, अश्विन ने हाल ही में ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की।
ऑफ स्पिनर ने अपना करियर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (765 विकेट) में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में समाप्त किया। हालांकि, सीरीज के बीच में अश्विन के अचानक संन्यास की खबरों ने कई लोगों को चौंका दिया। आकाश चोपड़ा ने भी इस मामले पर अपनी राय साझा की और कहा कि टीम मैनेजमेंट द्वारा विदेशी परिस्थितियों में लगातार अनदेखी किए जाने से अनुभवी स्पिनर निराश हो गए होंगे।
आर अश्विन के संन्यास को लेकर आकाश चोपड़ा ने दिया बड़ा बयान
आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ”आखिर में क्या हुआ? सभी की जिंदगी में एक ऐसा पल आता है, जहां आप सोचते हैं, क्या मैं अब ऐसा करना चाहता हूं? क्या मैं इससे ठीक हूं? अश्विन के दिमाग ये चीज काफी समय से रही होगी कि वह विदेश में ज्यादा नहीं खेलता है। जब विदेश में होने वाले मैचों की बात आती है तो टीम के लिए स्पिनर के रूप में पहले विकल्प नहीं है। ये काफी समय से चल रहा है। उन्होंने इसके साथ रहना सीख लिया था। जडेजा विदेश में उनसे आगे रहते थे। उन्होंने इस बात से समझौता कर लिया कि जडेजा खेल रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, ”लेकिन जब सुंदर ने पर्थ टेस्ट खेलाा, फिर उसने कहा, अब बहुत हुआ, मैं खेल चुका। अश्विन ने पिंक बॉल टेस्ट खेला लेकिन जब वह गाबा से ड्रॉप हुआ, उसने कहा, मुझे जितना खेलना था खेल चुका। आप मुझे प्लेइंग इलेवन में खिलाने को लेकर गंभीर नहीं हैं। मैंने पिंक बॉल टेस्ट में कुछ भी गलत नहीं किया कि मुझे गाबा गेम से बाहर कर दिया जाए। गाबा में जड्डू ने रन बनाए थे, इसलिए अश्विन का मेलबर्न में खेलना मुश्किल था।”
सुंदर ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में अश्विन और जडेजा से आगे खेला और दो पारियों में 4 और 29 के स्कोर बनाने के साथ-साथ दो विकेट भी लिए। सुंदर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हालिया घरेलू सीरीज में भी दोनों सीनियर स्पिनरों से बेहतर प्रदर्शन किया और सिर्फ दो मैचों में 14.12 की औसत से 16 विकेट लिए। दूसरी ओर, अश्विन ने घरेलू टेस्ट सीरीज में तीन मैचों में 41.22 की औसत से सिर्फ नौ विकेट ले पाए थे।
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