
MS Dhoni (Photo Source: Getty Images)
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) क्रिकेट की दुनिया के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं। धोनी की कप्तानी में भारत ने तीन आईसीसी ट्रॉफियां जीती हैं, वह ऐसा कारनामा करने वाले दुनिया के इकलौते कप्तान है।
एमएस धोनी ने 2004 में भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। धोनी ने पहले टी20 फॉर्मेट में भारत की कमान संभाली। वहीं, फिर उन्हें वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में टीम की कप्तानी मिली। टेस्ट कप्तान बनने के दो साल पहले धोनी खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट से संन्यास लेना चाहते थे। आइए आपको इस बात के पीछे की पूरी कहानी बताते हैं-
वीवीएस लक्ष्मण ने MS Dhoni को लेकर किया था ऐसा खुलासा
पूर्व भारतीय दिग्गज खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण ने कुछ सालों पहले स्टार स्पोर्ट्स को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि, 2006 में फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ करियर का पहला टेस्ट शतक जड़ने के बाद एमएस धोनी (MS Dhoni) ने फॉर्मेट से संन्यास लेने की बात कही थी और यह मजाक सुनकर ड्रेसिंग रूम में सारे खिलाड़ी काफी ज्यादा हैरान रह गए थे।
वीवीएस लक्ष्मण ने बताया,
मुझे याद है कि जब धोनी शतक लगाकर वापस ड्रेसिंग रूम में आए थे और उन्होंने जोर से चिल्लाया था कि, “अब मैं अपने संन्यास की घोषणा कर दूंगा। मैं शतक मारा टेस्ट क्रिकेट में, बस यार। मुझे अब टेस्ट टेस्ट क्रिकेट से कुछ नहीं चाहिए।” हम सभी यह बात सुनकर बहुत हैरान हो गए थे पर यही उन्हें धोनी बनाता है।
धोनी की पारी के बदौलत मैच हुआ था ड्रा
पाकिस्तान और भारत के बीच हुए उस टेस्ट मैच की बात करें तो, पाकिस्तान ने पहली पारी में 588 रन बनाए थे। उस मैच में इंजमाम-उल-हक और शाहिद अफरीदी ने शतकीय पारी खेली थी। एमएस धोनी (MS Dhoni) ने इरफान पठान के साथ छठे विकेट के लिए शानदार साझेदारी निभाते हुए पहला टेस्ट शतक जड़ा था। धोनी ने 148 रन की पारी खेली थी और उनकी ही पारी के चलते भारत मैच को ड्रा कराने में सफल रहा था।
एमएस धोनी (MS Dhoni) ने अपने करियर में भारत के लिए 90 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 6 शतक और 33 अर्धशतक के दम पर 4876 रन बनाए। वहीं, उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को 60 में से 27 टेस्ट मैच जितवाए हैं।