
Yashasvi Jaiswal (Photo Source: X)
इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला लीड्स में भारत 5 विकेट से हार गया। दोनों पारियों में 5 शतक, जसप्रीत बुमराह का पहली पारी में 5 विकेट हॉल और कुल 835 रन बनाने के बावजूद भारत की हार का सबसे बड़ा कारण खराब फील्डिंग रहा। भारतीय खिलाड़ियों ने कई महत्वपूर्ण कैच छोड़े, जिसने मैच का रुख बदल दिया। खास तौर पर यशस्वी जायसवाल की फील्डिंग की जमकर आलोचना हुई।
यशस्वी जायसवाल की फील्डिंग पर सवाल
यशस्वी जायसवाल की फील्डिंग को प्रशंसकों और विशेषज्ञों ने गली क्रिकेट से भी कमतर बताया। उन्होंने लीड्स टेस्ट में ओली पोप, बेन डकेट और हैरी ब्रूक जैसे बल्लेबाजों के कैच छोड़े। डकेट का कैच तो उन्होंने दोनों पारियों में छोड़ा। पोप ने पहली पारी में शतक (100+), ब्रूक ने 99 रन और डकेट ने 62 रन बनाए। दूसरी पारी में डकेट 97 रन पर थे जब जायसवाल ने उनका कैच छोड़ा, और बाद में डकेट ने 149 रन बनाकर इंग्लैंड को जीत दिलाई।
मोहम्मद कैफ का तकनीकी विश्लेषण
भारत के पूर्व दिग्गज फील्डर मोहम्मद कैफ ने जायसवाल की खराब फील्डिंग की तकनीकी वजह बताई। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो में कहा, “यशस्वी जायसवाल इतने कैच क्यों छोड़ रहे हैं? इंग्लैंड में ड्यूक बॉल से प्रैक्टिस होती है, और ठंडे मौसम में चोट से बचने के लिए खिलाड़ी उंगलियों पर पट्टी बांधते हैं। इससे उंगलियां जकड़ जाती हैं और उनका स्वतंत्र मूवमेंट रुक जाता है। पट्टी स्पॉन्ज की तरह काम करती है, जिससे गेंद टकराकर बाउंस होकर बाहर निकल जाती है। बिना पट्टी के गेंद के साथ नेचुरल कनेक्शन बना रहता है, और कैच पकड़ना आसान होता है।”
Why is Yashasvi Jaiswal dropping catches? The reason could be the band on his palm. Listen. pic.twitter.com/FP1O8xFwQj
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) June 25, 2025
कैच छोड़ने का महंगा खामियाजा
जायसवाल द्वारा छोड़े गए कैचों ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को लंबी पारियां खेलने का मौका दिया, जिसका नतीजा भारत की हार के रूप में सामने आया। कैफ की सलाह और विश्लेषण से यह साफ है कि तकनीकी सुधार और सही प्रैक्टिस से भारतीय फील्डर अपनी कमियों को दूर कर सकते हैं।