
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर मोईन खान ने शाहीन शाह अफरीदी को सफेद गेंद की कप्तानी से हटाने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि यह अनुचित था। उन्होंने फिर से अफरीदी को फिर से कप्तान बनाए जाने की वकालत की है। उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को आड़े हाथ लिया है। साथ ही उन्होंने इशारों-इशारों में बाबर आजम को भी लपेटा, जो फिलहाल पाकिस्तान की वनडे और टी20 टीम के कप्तान हैं।
बता दें कि पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप के बाद बाबर ने तीनों फॉर्मेट की कप्तानी से इस्तीफा दिया दिया था। उसके बाद शाहीन को टी20 और शान मसूद को टेस्ट फॉर्मेट का कप्तान बनाया गया था। शाहीन को महज एक सीरीज के बाद कप्तानी गंवानी पड़ी थी। उनकी कप्तानी में पाकिस्तान को न्यूजीलैंड दौरे पर पांच मैचों की टी20 सीरीज में 1-4 से हार मिली थी। पीसीबी ने शाहीन से कप्तानी लेने के बाद बाबर को व्हाइट बॉल टीम का कप्तान नियुक्त किया।
शाहीन अफरीदी से कप्तानी छीने जाने पर मोईन खान ने दिया बड़ा बयान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व टेस्ट कप्तान मोईन ने कहा, “शाहीन अफरीदी में टीम का नेतृत्व करने की क्षमता है और खिलाड़ी उन्हें बहुत पसंद करते हैं। वह टी20 में कप्तानी के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। मुझे व्हाइट बॉल क्रिकेट में कप्तान की जिम्मेदारी निभाने के लिए उनसे उपयुक्त कोई और नहीं लगता। उन्हें कप्तानी से हटाना नाइंसाफी था।”
अपने करियर में 69 टेस्ट और 219 वनडे मैच खेलने वाले मोईन ने कहा कि पाकिस्तान को लंबे समय तक एक कप्तान पर भरोसा बरकरार रखना चाहिए। उन्होंने कहा, ”अगर लगातार बदलाव होते रहेंगे तो खिलाड़ी अपने कप्तान की बात नहीं सुनेंगे। अगर क्रिकेट बोर्ड कप्तान को पूरा सहयोग देगा और उन्हें दीर्घकालिक जिम्मेदारी का आश्वासन देगा तो टीम का प्रदर्शन बेहतर होगा।”
बाबर की पाकिस्तान के कप्तान के रूप में फिर से नियुक्ति टीम के लिए अच्छी नहीं रही। पाकिस्तान को में टी20 वर्ल्ज कप 2024 में ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाया था। अमेरिका के खिलाफ हार के बाद पाकिस्तान की काफी आलोचना हुई थी। इसके बाद मोईन ने कहा कि, “आजम को एक मैच के बाद विकेटकीपिंग का मौका नहीं दिया गया और पहली ही गेंद पर (अमेरिका के खिलाफ) आउट होने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया।
कोई भी खिलाड़ी पहली गेंद पर आउट हो सकता है, लेकिन यहां खिलाड़ियों को विकसित करने की जो परंपरा हुआ करती थी, वह अब नहीं रही। चाहे कप्तान हो या प्रबंधन, अगर वे खिलाड़ियों में इतनी जल्दी बदलाव करते रहेंगे तो हम अच्छे खिलाड़ी कैसे तैयार कर सकते हैं?’’