

पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा का मानना है की टीम इंडिया को हर प्रारूप के लिए अलग कप्तान नहीं बनाने चाहिए। खबर है कि भारत जल्द ही स्प्लिट कप्तानी अपना सकता है, यानी टेस्ट, टी20 और वनडे फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान होंगे। लेकिन चोपड़ा का तर्क है कि क्रिकेट में लम्बे समय तक एक ही कप्तान होने से टीम बेहतर खेलती है, जबकि फुटबॉल जैसे खेलों में यह जरूरी नहीं होता।
अपने यूट्यूब चैनल पर आकाश चोपड़ा ने कहा खेल में कप्तान कि बहुमूल्य भूमिका होती है। फुटबॉल जैसे खेलों में कप्तान का महत्व कम होता है क्यूंकि मैनेजर बाहर से रणनीति बनता है, लेकिन क्रिकेट में कप्तान को मैदान पर तुरंत फैसले लेने पड़ते है। इस खेल को समझ और अनुभव के साथ खेला जाता है, इसीलिए यहां कप्तानी में निरंतरता जरूरी है।
आकाश चोपड़ा का टीम को सुझाव
उन्होंने सुझाव दिया कि टेस्ट के लिए एक कप्तान और वाइट बॉल (वनडे + टी20) के लिए एक कप्तान रखा जा सकता है, लेकिन हर फॉर्मेट के लिए अलग कप्तान बनाना टीम में उलझन बढ़ा देगा। अगर हर जगह अलग कप्तान होगा तो खिलाड़ियों को हर फॉर्मेट में एक नयी रणनीति के साथ ताल मेल बिठाना होगा, जिसमे मुश्किलें हो सकती है, और यह टीम के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
अलग कप्तान होने से खिलाड़ियों पर असर
उदाहरण के तौर पर आकाश ने बताया कि जैसे केएल राहुल और शुभमन गिल टेस्ट खेलते है पर मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी जो तीनो फॉर्मेट खेलते है ऐसे में उनके लिए कठिन होगा कि हर बार उन्हें अपने कप्तान के अनुसार अपनी योजना बदलनी पड़ेगी, जिससे उनकी लय में कठिनाई आ सकती है, क्यूंकि यह खेल पर असर डालता है।
वर्तमान में भारत के तीन कप्तान हैं: रोहित शर्मा (वनडे), शुभमन गिल (टेस्ट), सूर्यकुमार यादव (टी20)। रिपोर्ट्स के अनुसार रोहित शर्मा वनडे क्रिकेट से संन्यास ले सकते है, तो आखिरकार टीम इंडिया का वनडे कप्तान कौन होगा? अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं।
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