
Edgbaston Pitch Report (Photo Source: X)
ENG vs IND: शुभमन गिल की कप्तानी में भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में लीड्स में 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। अब एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का दूसरा टेस्ट 2 जुलाई, बुधवार से बर्मिंघम के एजबेस्टन में शुरू होगा।
इस मैच में भारतीय टीम पिछले मैच की हार का बदला लेने और सीरीज में अपनी पहली जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी। आइए जानते हैं कि एजबेस्टन की पिच कैसा व्यवहार करेगी और इस मैदान का इतिहास क्या कहता है।
एजबेस्टन की पिच का मिजाज
एजबेस्टन की पिच टेस्ट मैच के पांच दिनों में बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए संतुलित रहती है। पहले दो दिन पिच पर तेजी और उछाल देखने को मिलता है, जिससे टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों को मुश्किल होती है। तेज गेंदबाजों को खासकर बादल छाए होने पर ड्यूक्स गेंद के साथ सीम और स्विंग का अच्छा फायदा मिलता है। तीसरे और चौथे दिन पिच सपाट हो जाती है, जिससे बल्लेबाज बड़े शॉट खेल सकते हैं। पांचवें दिन पिच पर घिसाव और दरारें उभरने से स्पिनरों को मदद मिलने लगती है।
भारत का एजबेस्टन में रिकॉर्ड
एजबेस्टन भारत के लिए चुनौतीपूर्ण मैदान रहा है। भारतीय टीम ने यहां इंग्लैंड के खिलाफ 8 टेस्ट खेले हैं, जिनमें 7 में हार मिली और 1986 का एकमात्र मैच ड्रॉ रहा। पहले टेस्ट में हार के बाद भारत की नजरें अब इस मैदान पर पहली जीत और सीरीज को 1-1 से बराबर करने पर होंगी। हालांकि, इतिहास को देखते हुए यह आसान नहीं होगा।
एजबेस्टन में खेले गए टेस्ट मैच में इंग्लैंड टीम ने 2011 में सबसे बड़ा स्कोर (710 रन) बनाया था। ये टोटल उन्होंने भारत के खिलाफ ही बनाया था। वहीं, इस मैदान पर सबसे छोटा टीम टोटल (250 रन) का रहा, जो साउथ अफ्रीका की टीम ने 1929 में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था। ये मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।
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