
Rohit Sharma and Ravichandran Ashwin (Image Credit- Twitter/X)
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू धरती पर दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला में भारत की निराशाजनक हार के बाद, क्रिकेट फैंस ने भारतीय टेस्ट टीम तथा मुख्य कोच गौतम गंभीर से मुश्किल सवाल पूछे, जिनका जवाब शायद ही किसी के पास है।
इसी बीच, पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भारतीय बल्लेबाज़ी यूनिट की एक बड़ी कमी पर चौंकाने वाला विश्लेषण प्रस्तुत किया है। दिग्गज गेंदबाज़ ने इसके पीछे के गहरे संरचनात्मक कारण का खुलासा किया है कि क्यों वर्तमान पीढ़ी के भारतीय बल्लेबाज़ स्पिन के सामने संघर्ष करते हैं, खासकर उन परिस्थितियों में जहाँ गेंद घूमने लगती है। इस तथ्य पर ज़ोर इसलिए भी दिया गया, क्योंकि हाल ही में संपन्न हुई श्रृंखला में स्पिनरों ने भारत के 25 विकेट चटकाए थे।
अश्विन का दावा है कि भारत, जिसे कभी दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्पिन खेलने वाला देश माना जाता था, अब “एक बल्लेबाज़ी यूनिट के रूप में दुनिया के सबसे ख़राब स्पिन-खेलने वाले देशों में से एक” बन गया है। वह इस गिरावट का कारण घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट में जानबूझकर किए गए बदलावों को मानते हैं, विशेष रूप से ‘न्यूट्रल पिचों’ की शुरुआत को।
इस कदम के पीछे मूल इरादा सकारात्मक था। टर्निंग विकेटों को तैयार होने से रोकना और सबसे महत्वपूर्ण, भारतीय बल्लेबाज़ों को विदेशी परिस्थितियों में उच्च-गुणवत्ता वाले तेज और सीम गेंदबाज़ी से बेहतर ढंग से निपटने में मदद करना। लेकिन इसके चलते भारतीय खिलाड़ियों की स्पिन खेलने की क्षमता समय के साथ कम हो चुकी है।
रवि अश्विन ने दिया बड़ा बयान
हालांकि, इस रणनीति ने चुनौतीपूर्ण विदेशी तेज गेंदबाजी वाले वातावरण में भारत के प्रदर्शन को सफलतापूर्वक सुधारा है, जैसा कि अश्विन ने स्वयं स्वीकार किया, “इरादा अच्छा था, और इसीलिए हम अब विदेश में अच्छा खेलते हैं।” लेकिन इसका घरेलू धरती पर एक विनाशकारी और बुरा परिणाम हुआ है।
घरेलू क्रिकेट में टर्निंग ट्रैक की संख्या कम करने से, युवा बल्लेबाज़ों के लिए शीर्ष स्तर की स्पिन खेलने के लिए आवश्यक सूक्ष्म तकनीक और मानसिक दृढ़ता विकसित करने के अवसर तेज़ी से सीमित हो गए हैं। इस जोखिम (या चुनौती) की कमी ने घूमती हुई गेंद के सामने उनके रक्षात्मक और आक्रामक शैली को बुरी तरह से कमज़ोर कर दिया है।
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से दक्षिण अफ्रीका की भारत के खिलाफ जीत की सराहना की। उनका मानना है कि प्रोटीज ने भारत के विरुद्ध सुलझा हुआ क्रिकेट खेला तथा बेहतरीन मानसिकता दिखाते हुए दो मैचों की इस श्रृंखला में विजयी रहे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दक्षिण अफ्रीका ने स्वीप या रिवर्स-स्वीप जैसे आक्रामक शॉट्स का सहारा नहीं लिया, बल्कि उन्होंने डिफेंस पर अपनी पारी को बुना।
हर सत्र में लगभग 80 रनों की गति से स्कोर करके बड़े स्कोर खड़े किए। अंत में, अश्विन का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका ने न केवल अच्छी बल्लेबाज़ी की, बल्कि उन्होंने सभी विभागों में प्रशंसनीय प्रदर्शन किया और भारत को उनके ही घर में हराकर इतिहास रच दिया।
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