
ENG vs IND (Image Credit- Twitter X)
20 जून 2025 से शुरू होने वाली भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के विजेता कप्तान को पटौदी पदक से सम्मानित किया जाएगा। इस पहल से भारत-इंग्लैंड क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता में पटौदी परिवार का नाम जीवित रहेगा। इस शाही परिवार का दोनों देशों के क्रिकेट इतिहास से गहरा संबंध रहा है, और यह नया सम्मान उनकी विरासत को और मजबूत करेगा।
तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी विवाद
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने पहले पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी करने का फैसला लिया था। इसकी औपचारिक घोषणा पिछले सप्ताह लॉर्ड्स में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के दौरान होनी थी, लेकिन अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान हादसे के कारण इसे टाल दिया गया। इस नाम परिवर्तन की भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर सहित कई क्रिकेट हस्तियों ने आलोचना की थी।
सचिन और जय शाह की पहल
सचिन तेंदुलकर ने स्वयं ईसीबी से संपर्क कर अनुरोध किया कि पटौदी नाम को भारत-इंग्लैंड क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा बनाए रखा जाए। आईसीसी चेयरमैन जय शाह भी इस चर्चा में शामिल थे। बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया, “जब ईसीबी ने ट्रॉफी का नाम बदलने का फैसला किया, तो तेंदुलकर ने उनसे कहा कि पटौदी नाम इस ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा रहना चाहिए। जय शाह ने भी इस मुद्दे पर समर्थन दिया। ईसीबी ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए विजेता कप्तान को पटौदी पदक देने का निर्णय लिया।”
औपचारिक घोषणा का इंतजार
चूंकि पहले से तय कार्यक्रम रद्द हो गया, अब ट्रॉफी के नाम परिवर्तन और पटौदी पदक की औपचारिक घोषणा 19 जून को लीड्स में सीरीज के पहले टेस्ट से एक दिन पहले होगी। तेंदुलकर टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं, जबकि जेम्स एंडरसन टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं।
पटौदी परिवार की क्रिकेट विरासत
पटौदी परिवार का भारत और इंग्लैंड के क्रिकेट से गहरा नाता रहा है। इफ्तिखार अली खान पटौदी और उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी, दोनों ने भारत की कप्तानी की और इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट में लंबे समय तक अपनी छाप छोड़ी। इस पदक के जरिए उनकी क्रिकेट विरासत को सम्मान दिया जाएगा। क्या आपको लगता है कि यह कदम भारत-इंग्लैंड क्रिकेट के इतिहास को और समृद्ध करेगा?