
Rohit Sharma (Photo Source: X)
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट से बाहर रहने का उनका फैसला सबके सहमति से नहीं लिया गया था। इसके लिए हेड कोच गौतम गंभीर और चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर के साथ उनकी ‘बहस’ हुई थी। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) के दौरान एडिलेड, ब्रिसबेन और मेलबर्न में खेलने वाले कप्तान लगातार पांच पारियों में बल्ले से फ्लॉप रहे थे। मेलबर्न में खेले गए सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में टीम ने शुभमन गिल को बाहर बैठाने का फैसला किया था।
रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट को लेकर किया खुलासा
रोहित ने ‘बियॉन्ड23 क्रिकेट पॉडकास्ट’ के दौरान ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क से कहा, ‘‘हम किसी तरह गिल को अंतिम एकादश में रखना चाहते थे, वह बहुत अच्छा खिलाड़ी है। वह पिछले टेस्ट मैच में नहीं खेल पाया था। मैं ऐसा ही हूं… ठीक है, अगर मैं गेंद को अच्छी तरह से नहीं मार पा रहा हूं, तो यह अभी है।
चीजें पांच दिन बाद, दस दिन बाद बदल सकती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने कोच और चयनकर्ता से बात की और वे इस पर सहमत भी हुए, असहमत भी हुए। इस मुद्दे पर हमारी बहस भी हुई थी।’’ टीम को प्राथमिकता देने वाले अपने नेतृत्व दृष्टिकोण के लिए मशहूर भारतीय कप्तान का तर्क सरल था।
रोहित ने कहा, ‘‘आप टीम को प्राथमिकता देने की कोशिश करते हैं, आप बस देखते हैं कि टीम की क्या जरूरत है और उसके अनुसार निर्णय लेते हैं। कभी-कभी यह काम करेगा, कभी-कभी नहीं। ऐसा ही होता है। आप जो भी निर्णय लेने की कोशिश करते हैं, उसमें आपको सफलता की गारंटी नहीं होती।’’ इस महान बल्लेबाज ने खुद को बाहर करने के निर्णय पर पहुंचने के लिए तार्किक तर्क भी दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने (एडिलेड में) अच्छा नहीं खेला था। मैंने सोचा कि मुझे पारी का आगाज करना चाहिए था। मैं जो करता हूं और वहां असफल होना पसंद करूंगा। यही मेरी जगह है, यही मेरी स्थिति है। मैं वहां जाकर बल्लेबाजी करना पसंद करूंगा, चाहे मुझे सफलता मिले या नहीं, यह एक अलग बात है। लेकिन मैं टीम के लिए अपनी स्वाभाविक जगह पर खेलूंगा।’’