
India Test Team (Image Credit- Twitter X)
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2027-29 चक्र में छोटे क्रिकेट देशों के लिए चार दिवसीय टेस्ट मैचों को मंजूरी देने की योजना बना रही है। हालांकि, भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे बड़े देश परंपरागत पांच दिवसीय टेस्ट खेलना जारी रख सकते हैं। ‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम छोटे देशों को अधिक टेस्ट और लंबी सीरीज खेलने में मदद करेगा।
जय शाह का समर्थन
रिपोर्ट में कहा गया कि लॉर्ड्स में हाल ही में हुए डब्ल्यूटीसी फाइनल के दौरान आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने 2027-29 चक्र के लिए चार दिवसीय टेस्ट को समर्थन दिया। भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को एशेज, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी और तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी जैसी प्रतिष्ठित सीरीज के लिए पांच दिवसीय टेस्ट खेलने की अनुमति रहेगी। तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी की शुरुआत 20 जून को हेडिंग्ले में भारत और इंग्लैंड के बीच पहले टेस्ट के साथ होगी।
चार दिवसीय टेस्ट का इतिहास
आईसीसी ने 2017 में पहली बार द्विपक्षीय सीरीज के लिए चार दिवसीय टेस्ट को मंजूरी दी थी। इंग्लैंड ने 2019 और 2023 में आयरलैंड के खिलाफ, साथ ही पिछले महीने ट्रेंट ब्रिज में जिम्बाब्वे के खिलाफ चार दिवसीय टेस्ट खेला था। यह प्रारूप छोटे देशों के लिए टेस्ट क्रिकेट को अधिक व्यावहारिक बनाने में मदद करता है।
छोटे देशों के लिए फायदा
रिपोर्ट के अनुसार, कई छोटे देश समय और लागत की वजह से टेस्ट क्रिकेट की मेजबानी में रुचि नहीं दिखाते। चार दिवसीय टेस्ट शुरू होने से तीन मैचों की सीरीज को तीन सप्ताह से कम समय में पूरा किया जा सकेगा। समय बचाने के लिए इन टेस्ट में प्रति दिन 90 ओवर की जगह न्यूनतम 98 ओवर खेले जाएंगे।
साउथ अफ्रीका की जीत ने उठाया मुद्दा
लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रोमांचक फाइनल में विश्व चैंपियन बनने के बावजूद, साउथ अफ्रीका का कमजोर टेस्ट शेड्यूल इस मुद्दे को उजागर करता है। इसने चार दिवसीय टेस्ट की जरूरत को और बल दिया। क्या आपको लगता है कि यह बदलाव टेस्ट क्रिकेट को छोटे देशों के लिए अधिक आकर्षक बनाएगा?