
Brendon McCullum (Photo Source: Getty Images)
ब्रैंडन मैकुलम के इंग्लैंड के हेड कोच के रूप में जिम्मेदारी संभालने के बाद बैजबॉल काफी मशहूर हुआ है। इस बैजबॉल एप्रोच ने इंग्लैंड क्रिकेट में काफी कुछ बदल दिया है। टीम एग्रेसन के साथ बिना किसी भय के तेजी से रन बनाने को देखती है। बेन स्टोक्स और ब्रैडन मैकुलम की जोड़ी ने इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट को एक नई ऊर्जा दी है। अगर मैकुलम को टीम इंडिया का कोच बनाया जाता है और वह यह एप्रोच भारतीय क्रिकेट में लाते हैं तो क्या होगा?
कोच के रूप में ब्रैंडन मैकुलम का रिकॉर्ड
मैकुलम की कोचिंग में इंग्लैंड की टीम छठे स्थान से टेस्ट रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। इंग्लैंड के लिए उन्होंने 53 मैचों में कोचिंग की। जिसमें उनका रिकॉर्ड 30 जीत, 22 हार और सिर्फ एक ड्रॉ है। इसमें जीत का प्रतिशत 56.6% है। आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ खराब शुरुआत के बाद 2021 के फाइनल में पहुंचे।
मैकुलम के कोचिंग कार्यकाल में ट्रिनबागो नाइट राइडर्स ने कैरेबियन प्रीमियर लीग का खिताब भी हासिल किया। एक खिलाड़ी के रूप में मैकुलम अपने आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं। चाहे वह उनके अंतिम टेस्ट में 54 गेंदों में शतक हो या न्यूजीलैंड को 2015 विश्व कप फाइनल में ले जाना हो।
उनका एप्रोच भारतीय खिलाड़ियों के साथ कैसे काम करेगा?
भारत के पास तकनीक से भऱपूर बल्लेबाज रहे हैं। सुनील गावस्कर से लेकर सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और विराट कोहली तक, टेस्ट बल्लेबाजी के लिए भारतीय एप्रोच मुख्य रूप से तकनीक और धैर्य पर केंद्रित रहा है। चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और यहां तक कि केएल राहुल जैसे बल्लेबाज भी इन पर ही काम करते हुए नजर आए हैं।
ऋषभ पंत, सरफराज खान, यशस्वी जायसवाल और नीतीश कुमार रेड्डी जैसे उभरते हुए खिलाड़ी नई पीढ़ी को बैजबॉल के लिए अधिक उपयुक्त बताते हैं। ऐसे में बैजबॉल दृष्टिकोण को थोड़ा बदलने की जरूरत है।
हालांकि, जब इंग्लैंड ने 2024 की शुरुआत में भारत का दौरा किया था, तो बैजबॉल एप्रोच को ज़्यादा सफलता नहीं मिली थी। मज़बूत शुरुआत के बावजूद, वे पाच मैचों की टेस्ट सीरीज़ 4-1 से हार गए। उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी शैली भारत के स्पिन अटैक और टर्निंग ट्रैक पर विफल रही। मैकुलम ने खुद सीरीज़ के बाद खुलासा किया कि इंग्लैंड को अपने दृष्टिकोण को ठीक करने की ज़रूरत है।
ब्रैंडन मैकुलम को किस पर सबसे अधिक काम करना होगा?
अगर मैकुलम भारत की कमान संभालते हैं, तो ऐसे बदलावों की जरूरत होगी जो भारतीय परिस्थितियों और खिलाड़ियों की ताकत का सम्मान करें और उनके अनुकूल हों। साथ में परिस्थितियों की समझ, शॉट सेलेक्शन और स्पिन के अनुकूल पिचों की समझ पर जोर देना होगा। उनकी शैली और खिलाड़ियों को बैक करने की रणनीति भारत को और अधिक निडर बना सकती है।
न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान को भारतीय गेंदबाजों को खासकर स्पिनरों को अपना काफी समय और प्रयास देना होगा। तेज गेंदबाज मैकुलम का साथ पाकर खुशी होंगे। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि भारत में मैकुलम का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है। भारत में इंग्लैंड के कोच के रूप में उनके नाम 13 मैचों में 2 जीत और 11 हार (15.38% जीत दर) है। इसके अलावा भारत में केकेआर के मुख्य कोच के रूप में 21 मैचों में, उन्होंने 8 गेम जीते और 13 हारे (38.1%) हैं।