
Snehasish Ganguly Wife (Photo Source: X)
पूर्व बंगाल क्रिकेटर स्नेहाशीष गांगुली, जो भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बड़े भाई हैं, और उनकी पत्नी अर्पिता के साथ ओडिशा के पुरी में एक बड़ा हादसा हुआ। दोनों समुद्र में वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी का आनंद ले रहे थे, तभी अचानक से उनकी स्पीडबोट पलट गई, लेकिन दोनों बाल-बाल बच गए।
लाइफगार्ड ने बचाई पर्यटकों की जान
एक वायरल वीडियो में स्पीडबोट को समुद्र के विशाल लहर से टकराकर संतुलन बिगड़ते हुए और पानी में पलटते देखा जा सकता है। यह देखकर लाइफगार्ड तुरंत पर्यटकों को बचाने के लिए एक्शन में आ गए। अर्पिता और अन्य पर्यटकों को रबर फ्लोट की मदद से बचाया गया। स्थानीय पुलिस ने बताया कि, समुद्र तट पर तैनात लाइफगार्ड मौके पर पहुंचे और स्पीडबोट में सवार लोगों को बचाया।
VIDEO | Puri, Odisha: Cricket Association of Bengal (CAB) President and brother of former Indian cricket team captain Sourav Ganguly, Snehasish Ganguly, and his wife Arpita Ganguly were safely rescued after they encountered a horror as their speedboat capsized off Puri coast.… pic.twitter.com/rWCOB4bgYm
— Press Trust of India (@PTI_News) May 26, 2025
मैं अभी भी सदमें में हूं- स्नेहाशीष गांगुली की पत्नी अर्पिता
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार स्नेहाशीष गांगुली की पत्नी अर्पिता ने बताया,
“भगवान की कृपा से हम बच गए। मैं अभी भी सदमें में हूं। ऐसा नहीं होना चाहिए और समुद्र में वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी की व्यवस्था सही तरीके से की जानी चाहिए। मैं कोलकाता लौटने के बाद पुरी के पुलिस कमिशनर और ओडिशा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखूंगा। स्पीडबोड लगभग दस मंजिल जितनी ऊंची लहर से टकराई जिसके कारण स्पीडबोड पलट गई और मेरे पति सहित सभी यात्री समुद्र में गिर गए। शुक्र है कि लाइफगार्ड द्वारा तुरंत कार्रवाई करने से हमारी जान बच गई।”
स्नेहाशीष गांगुली की पत्नी अर्पिता ने आरोप लगाया कि, एडवेंचर स्पोर्ट्स संचालकों के लालच के कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि 10 यात्रियों के लिए बनी स्पीडबोट पर केवल चार यात्री सवार थे, जिसके कारण स्पीडबोट अस्थिर हो गई और लहरों का सामना नहीं कर पाई।
इस बीच, स्नेहाशीष, जो वर्तमान में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के अध्यक्ष हैं, ने इस घटना को जानलेवा बताते हुए क्रिकबज से कहा,
“यह जानलेवा दुर्घटना थी। नाव पलट गई और हमें स्थानीय लोगों और मछुआरों ने बचा लिया। मैं भगवान जगन्नाथ का शुक्रिया अदा करता हूं। यह हमारे लिए दूसरी जिंदगी की तरह है।”