

ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क ने सितंबर 2025 में टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करके क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया था। एक ऐसे युग में जहाँ खिलाड़ी तेज़ी से छोटे प्रारूप को प्राथमिकता दे रहे हैं। स्टार्क ने इसके विपरीत एक अलग रास्ता चुना और केवल टेस्ट और वनडे क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ ने इस निर्णय के पीछे की ख़ास महत्वाकांक्षा का खुलासा किया है। उन्होंने पुष्टि की कि यह ऑस्ट्रेलिया के भविष्य के टेस्ट असाइनमेंट्स विशेष रूप से 2027 में निर्धारित एक बड़े दौरे से जुड़ा एक रणनीतिक कदम है।
स्टार्क खेल के सबसे लंबे प्रारूपों में अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहते हैं और उन्होंने 2027 में भारत और इंग्लैंड के प्रतिष्ठित दौरों पर अपनी निगाहें जमा रखी हैं। उन्होंने खुले तौर पर स्वीकार किया कि टी20 इंटरनेशनल से संन्यास लेना एक सोची-समझी क़ुर्बानी थी, जो उनके शरीर को प्रबंधित करने और टेस्ट और वनडे क्रिकेट में उनकी प्रभावशीलता को लम्बा खींचने के लिए दी गई थी।
प्रमुख दौरों और विश्व कप के लिए लंबी आयु को प्राथमिकता
‘कॉफ़ी विद कॉग्स’ से बात करते हुए स्टार्क ने अपने तर्क को समझते हुए कहा कि “उम्मीद है कि 2027 में इंडिया और इंग्लैंड का टूर कर पाऊँगा। शायद इसी वजह से मैंने टी-20आई क्रिकेट छोड़ दिया। तो हाँ यही प्लान है। ऐसा हो या न हो मेरा शरीर मुझे बता देगा। लेकिन मैं ज़रूर चाहूँगा कि ऐसा हो।” यह फोकस स्टार्क की इन ज़ोरदार सीरीज़ के लिए उपलब्ध रहने और बेहतरीन फिटनेस पर रहने की इच्छा को उजागर करता है जिसके लिए एक तेज़ गेंदबाज़ से अधिकतम शारीरिक लचीलेपन की आवश्यकता होती है।
लंबे प्रारूपों के प्रति यह प्रतिबद्धता वर्तमान में उनके शानदार प्रदर्शन में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। स्टार्क ने इंग्लैंड के खिलाफ़ जारी एशेज टेस्ट सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया के प्रीमियम गेंदबाज़ के रूप में अपने मूल्य को ज़ोर देकर साबित किया है। पहले दो मैचों में ही उन्होंने 18 विकेट चटकाए हैं और लगातार दो प्लेयर ऑफ़ द मैच पुरस्कार जीते हैं, जो सीरीज़ में किसी अन्य गेंदबाज़ द्वारा हासिल नहीं किया गया है। पहले टेस्ट में एक पारी में करियर का सर्वश्रेष्ठ सात विकेट सहित कुल 10 विकेट लेना और दूसरे टेस्ट में 8 विकेट लेना, उनकी धारधार गेंदबाजी को साबित करता है।
दूसरी ओर, टेस्ट चुनौतियों के अलावा स्टार्क 2027 वनडे विश्व कप को भी टारगेट कर रहे हैं, जो संभवतः 50 ओवर के इस प्रमुख टूर्नामेंट में उनकी अंतिम उपस्थिति होगी। लगातार और शारीरिक रूप से थकाऊ टी-20आई प्रतिबद्धताओं को छोड़कर स्टार्क रणनीतिक रूप से अपने शरीर को सबसे कठिन दौरों और वनडे प्रारूप में अंतिम पुरस्कार के लिए सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख मल्टी फाॅर्मेट गेंदबाज़ों में से एक के रूप में उनकी विरासत बनी रहे।
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