

भारत और वेस्टइंडीज के बीच चल रही दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला का पहला टेस्ट अहमदाबाद में खेला जा रहा है। वहीं इस श्रृंखला का दूसरा टेस्ट राजधानी दिल्ली में खेला जाएगा। पर पिछले कुछ सालों में दोनों ही दलों में काफी अंतर देखा गया है। एक तरफ भारत टेस्ट क्रिकेट की टाॅप टीमों में से एक है, तो दूसरी ओर वेस्टइंडीज अपने अस्तित्व को बचाने का लगातार प्रयास करती हुई नजर आ रही है।
परंतु फिर भी वेस्टइंडीज ने भारत के समक्ष 100 टेस्ट मैचों में से 30 मैच जीते हैं, और वहीं भारत ने 23 मुकाबले अपने नाम किए हैं। आइए देखते हैं इन 100 मैचों के इतिहास में से तीन चुनिंदा मैच, जिन्होंने सभी के दिलों पर अपनी छाप छोड़ दी।
3. वेस्टइंडीज बनाम भारत, चौथा टेस्ट 2006 (भारत 49 रनों से जीता)
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भारतीय दल यह मैच पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ की अगुवाई में खेल रहा था। यह मैच किंग्स्टन क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था, जहां भारतीय दल मात्र 200 के स्कोर पर बल्लेबाजी करते हुए सिमट गया। टीम के लिए कप्तानी पारी खेलते हुए द्रविड़ ने सर्वाधिक 81 रन बनाए।
वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की शानदार गेंदबाजी, जिसमें हरभजन सिंह ने 5/13 विकेट लिए, के कारण वेस्टइंडीज 103 रनों पर ऑल आउट हो गई। जवाब में, राहुल द्रविड़ ने 68 रनों की कप्तानी पारी खेली, लेकिन भारत 171 रन ही बना सका। अब वेस्टइंडीज को 269 रनों का लक्ष्य मिला है। कुंबले की शानदार गेंदबाजी (6/78) के बदौलत भारत ने यह मैच 49 रनों से अपने नाम दर्ज कर लिया।
2. वेस्टइंडीज बनाम भारत, दूसरा टेस्ट 2002 (भारत 37 रनों से जीता)
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सचिन तेंदुलकर के शतक (117) और राहुल द्रविड़ तथा वीवीएस लक्ष्मण के अर्धशतक के बदौलत भारतीय टीम ने पोर्ट ऑफ़ स्पेन में पहले बल्लेबाजी करते हुए 339 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। वहीं जवाबी तौर पर वेस्टइंडीज ने एक अच्छी शुरुआत की, परंतु ब्रायन लारा के 52 के निजी स्कोर पर आउट होते ही यह पारी डगमगा गई और वेस्टइंडीज 245 रनों पर सिमट गई।
भारत ने अपनी दूसरी पारी में 218 रन जोड़े और पहली पारी की बढ़त की मदद से उन्होंने वेस्टइंडीज को 313 रनों का लक्ष्य दिया। वेस्टइंडीज ने चेज में अच्छी शुरुआत की और वे लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे थे कि तभी क्रिस गेल के तौर पर विंडीज के पांचवें विकेट का पतन हुआ और पहली पारी की तरह इस बार भी विंडीज के बल्लेबाज 313 के लक्ष्य से 37 रन से दूर रह गए।
3. भारत बनाम वेस्टइंडीज तीसरा टेस्ट, 2011 (ड्रॉ)
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2011 में खेली गई यह श्रृंखला भारत ने 2-0 से अपने नाम की थी। परंतु इस श्रृंखला के तीसरे और आखिरी मैच में वेस्टइंडीज ने एक अच्छी लड़ाई लड़ी और खेल को ड्रॉ की ओर ले गए। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में पहले बल्लेबाजी करते हुए विंडीज के बल्लेबाजों ने 590 रनों का विशाल स्कोर हासिल किया। इस पारी में सबसे बड़ा योगदान डैरेन ब्रावो का था, जिन्होंने 166 रनों की उत्कृष्ट पारी खेली।
अपने तीसरे ही टेस्ट मैच में रवि अश्विन ने पहली पारी में पांच विकेटें झटकी, और भारतीय दल के लिए बल्लेबाजी करते हुए अपना पहला टेस्ट शतक भी जड़ा। द्रविड़ (82) और सचिन (94) के शतकों से चूकने के कारण भारत पहली पारी में 108 रन से पिछड़ गया। दूसरी पारी में, प्रज्ञान ओझा (6/47) और अश्विन (4/34) ने वेस्टइंडीज को 134 रन पर समेट दिया, जिससे भारत को 243 का लक्ष्य मिला।
आखिरी दिन तक चले इस रोमांचक मुकाबले में दोनों टीमों ने कड़ी टक्कर दी। अंतिम गेंद पर अश्विन के रन आउट होने से मैच ड्रॉ पर समाप्त हो गया था। यह मैच दोनों टीमों के टेस्ट इतिहास का सबसे रोमांचक मैच माना जाता है।
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