
Ravindra Jadeja. (Photo Source: BCCI)
टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच ग्रेग चैपल ने इंग्लैंड दौरे पर रविंद्र जडेजा को प्लेइंग इलेवन में एकमात्र स्पिनर के रूप में शामिल करने पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि जडेजा फ्रंटलाइन स्पिनर नहीं हैं और उन्हें अकेले स्पिनर के तौर पर नहीं चुना जाना चाहिए।
लीड्स के हेडिंग्ले में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में जडेजा ने गेंदबाजी में केवल एक विकेट लिया, जबकि बल्ले से भी उनकी दोनों पारियों में कुल 36 रन ही बन पाए।
पिच का फायदा न उठा पाने की कमी
हेडिंग्ले की पिच पर पांचवें दिन स्पिनरों के लिए कुछ मदद थी, लेकिन जडेजा इसका फायदा नहीं उठा सके। इंग्लैंड ने 371 रनों के विशाल लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया। इस प्रदर्शन के बाद जडेजा की गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों पर सवाल उठ रहे हैं। उनकी हालिया फॉर्म भी चिंता का विषय रही है, क्योंकि पिछले छह पारियों में वे 30 रन से ज्यादा का स्कोर नहीं बना पाए हैं।
चैपल का सुझाव: जडेजा को दूसरा स्पिनर बनाएं
ग्रेग चैपल का मानना है कि भारतीय टीम को अधिक संतुलन के लिए जडेजा को केवल दूसरे स्पिनर के रूप में शामिल करना चाहिए, न कि एकमात्र स्पिन विकल्प के तौर पर। चैपल का यह बयान जडेजा के हालिया प्रदर्शन को देखते हुए आया है, जिसमें उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में कमी दिखी।
जडेजा की वापसी और चुनौतियां
2024-25 बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के पहले टेस्ट में जडेजा को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया था, जहां पर्थ में वॉशिंगटन सुंदर और दूसरे टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन को मौका दिया गया। हालांकि, जडेजा ने वापसी करते हुए एक महत्वपूर्ण अर्धशतक लगाकर अपनी जगह पक्की की। फिर भी, अगले दो मैचों में उनके बल्ले से रन नहीं निकले, जिससे उनकी फॉर्म पर सवाल बरकरार हैं।
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