
85 साल के बाद टेस्ट इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
85 सालों में यह पहला मौका था। इससे पहले 1939 में इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच जो टेस्ट मैच खेला गया था, उसमें ऐसा हुआ था। डरबन में खेले गए टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने एक पारी और 13 रनों से जीत दर्ज की थी। इंग्लैंड ने 88.5 ओवर में चार विकेट पर 469 रनों पर पारी घोषित की थी और इस दौरान उसने एक भी ओवर मेडेन नहीं खेला था। एडी पेंटर ने 243 रन बनाए थे, जबकि कप्तान वैली हैमंड ने 120 रनों की पारी खेली थी।
इंडिया और इंग्लैंड के अलावा टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसी और कोई टीम नहीं है, जिसने बिना एक भी ओवर मेडेन खेले हुए टेस्ट मैच जीता हो। कानपूर टेस्ट में भारत ने पहली पारी में 34.4 ओवरों का सामना किया था और दूसरी पारी में उन्होंने 17.2 ओवर बल्लेबाजी की। दोनों पारियों में बांग्लादेश की ओर से एक भी मेडेन ओवर नहीं फेंका गया और इस तरह से भारत की इंग्लैंड के साथ इस अनूठे क्लब में एंट्री हो गई। बांग्लादेश पहली पारी में 233 रनों पर ऑलआउट हो गया।
भारत ने पहली पारी 285/9 रनों पर घोषित कर दी। बांग्लादेश दूसरी पारी में 146 रनों पर ही ऑलआउट हो गया और इस तरह से भारत ने 98 रन बनाकर मैच सात विकेट से अपने नाम कर लिया।
भारतीय टीम को अब बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज खेलनी है और फिर उन्हें तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड का सामना करना है।
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