
अगले साल फरवरी में होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से पहले केवल छह वनडे मैच बचे हैं, ऐसे में 50 ओवर के फॉर्मेट में हार्दिक पांड्या की गेंदबाजी फिटनेस को लेकर संदेह बना हुआ है। ऑलराउंडर हार्दिक ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अगले महीने श्रीलंका में होने वाले तीन वनडे मैचों से ब्रेक मांगा था। इसी बीच अब कुछ रिपोर्ट्स में यह पता चला है कि अगले कुछ महीनों में घरेलू क्रिकेट में उनकी फिटनेस पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
आपको बता दें कि, भारत को अगले तीन वनडे मैच चैंपियंस ट्रॉफी से पहले जनवरी में इंग्लैंड के खिलाफ खेलने हैं। बीसीसीआई के एक सूत्र ने TOI के हवाले से कहा कि, “हार्दिक ने अपनी चोट से वापसी के बाद टी-20 क्रिकेट में केवल चार ओवरों में असाधारण गेंदबाजी की है, लेकिन हार्दिक का लंबे फॉर्मेट में टेस्ट नहीं किया गया है। उनकी सहनशक्ति पर नजर रखने की जरूरत है। चयनकर्ता इस बात पर नजर रखेंगे कि वह साल के अंत में होने वाले विजय हजारे में कैसा प्रदर्शन करते हैं।
विजय हजारे ट्रॉफी में हार्दिक पांड्या के प्रदर्शन पर रखी जाएगी नजर
सूत्रों का कहना है कि, अगर हार्दिक के पास लंबे स्पैल में गेंदबाजी करने का धैर्य नहीं है, तो उन्हें वनडे में स्वचालित रूप से चुना नहीं जा सकता। हाल ही में, अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति और नए मुख्य कोच गौतम गंभीर ने उनकी उपलब्धता पर अनिश्चितता के कारण हार्दिक को कप्तानी देने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। सूर्यकुमार यादव को श्रीलंका में T20I के लिए कप्तान बनाया गया, जबकि हार्दिक से उनकी वनडे उप-कप्तानी भी छीन ली गई, जो शुभमन गिल को दे दी गई।
सूत्र ने कहा कि, “हार्दिक की बल्लेबाजी उतनी विस्फोटक नहीं रही जितनी पहले हुआ करती थी। उन्होंने टी-20 वर्ल्ड कप में अच्छा खेला था लेकिन उनका असली महत्व तभी है जब वह अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं और अपने ओवरों का कोटा पूरा कर रहे हैं। उनका आखिरी वनडे पिछले साल विश्व कप के दौरान था। जब वह घायल हो गए तो इसका मतलब है कि उन्होंने एक साल से अधिक समय तक वनडे नहीं खेला होगा।”